शिकारी खुद हो गए शिकार

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आखिरकार शिकारी खुद शिकार हो गए. प्रदेश के बहुचर्चित आरओ, एआरओ और पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभ्यर्थियों को सेट करने वाले दो शातिर आखिरकार एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए. दोनों को पेपर लीक गैंग ने अभ्यर्थियों को सेट करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. दोनों ने मिलकर सौ से अधिक अभ्यर्थियों को सेट किया था. इस गैंग के सरगना समेत कई अन्य पहले ही पकड़े जा चुके हैं, और इस बार अभ्यर्थियों को सेट करने वाले पकड़े गए हैं. दोनों की गिरफ्तारी एसटीएफ ने की है. दोनों ने मिलकर करीब एक करोड़ का खेल किया है.

राजीव के संपर्क में आए दोनों

उतरांव के कैथवल जगतपुर का रहने वाला संजय सिंह कुशवाहा और डांडी महेवा नैनी का रहने वाले कामेश्वर नाथ मौर्या प्राइवेट काम काज करते थे. दोनों किसी के जरिए राजीव नयन मिश्रा के सम्पर्क में आ गए. राजीव का रहन सहन और सिस्टम देखकर दोनों उसके साथ हो गए. राजीव ने आरओ, एआरओ का पेपर लीक करने का प्रोग्राम बनाया. इसके उसने अपने साथियों का इस्तेमाल किया. अब राजीव के सामने कंडीडेट को सेट करने की समस्या थी. राजीव नयन मिश्रा ने इस काम के लिए लोकल लेवल पर संजय और कामेश्वर को लगाया. राजीव नयन मिश्रा के सम्पर्क में आने के बाद दोनों शिकारी बन गए. राजीव नयन दोनों को शिकारी कहकर बुलाने लगा. इसके बाद दोनों शिकार को खोजने लगे.

कंडीडेट को बोलते थे शिकार

संजय कुशवाहा और कामेश्वर मौर्या ने मिलकर आरओ-एआरओ और पुलिस भर्ती परीक्षा के कंडिडेट को खोजना शुरू किया. दोनों कंडीडेट को शिकार बोलते थे. इसी कोड वर्ड में दोनों राजीव नयन मिश्रा से बात करते थे. संजय और कामेश्वर ने पुलिस भर्ती परीक्षा में अहम किरदार निभाया. दोनों ने मिलकर 12 लाख रुपये में एक कंडीडेट से सौदा किया. दोनों ने करीब सौ से अधिक कंडीडेट को सेट किया. इस दौरान दोनों ने कंडीडेट से आधी रकम एडवांस में ले लिया. एडवांस में मिली आधी रकम को दोनों ने राजीव नयन मिश्रा को दे दिया, बाकी आधी रकम को अपने पास रख लिया.

रीवा ले गए कंडीडेट््स को

पुलिस भर्ती परीक्षा में सेट किए गए कंडीडेट्स को परीक्षा पास कराने के लिए मास्टरमांइड राजीव नयन मिश्रा ने नया रास्ता खोजा. राजीव नयन मिश्रा ने कंडीडेट्स को पेपर रटाने की योजना बनाई. इसके लिए राजीव नयन ने मध्यप्रदेश के शिव महा शक्ति रिसोर्ट को पांच लाख रुपये में बुक किया. फरवरी में पुलिस भर्ती परीक्षा होनी थी. इसके दस दिन पहले संजय और कामेश्वर प्रयागराज से सौ से अधिक कंडीडेट्स को रीवा स्थित रिसोर्ट ले गए. कंडीडेट्स को बस और स्कार्पियो से ले जाया गया. कंडीडेट्स को परीक्षा के दो दिन पहले छोड़ा गया. इस दौरान रिसोर्ट में कंडीडेट्स को पुलिस भर्ती का पेपर लीक कराकर रटाया गया. रिसोर्ट में ही कंडीडेट्स के रहने और खाने पीने की व्यवस्था की गई थी.

कीडगंज एरिया से हुई गिरफ्तारी

आरओ-एआरओ और पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक सरगना राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में एटीएफ को कंडीडेट्स को सेट करने वालों की तलाश थी. जिस पर एसटीएफ को संजय कुशवाहा और कामेश्वर मौर्य की तलाश थी. एसटीएफ के इंस्पेक्टर जेपी राय, दारोगा रणेंद्र कुमार सिंह, सिपाही अमित शर्मा, संतोष कुमार, किशन चंद्र, रामलखन पाल की टीम दोनों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी. एसटीएफ को सूचना मिली कि दोनों आरोपित घोष स्वीट हाउस के पास ब्लैक कलर की स्कार्पियो में बैठे हैं. इस पर एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी कर दोनों को हिरासत मेंं ले लिया. दोनों को कीडगंज थाने में ले जाकर पूछताछ की गई, इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.

आरओ, एआरओ और पुलिस भर्ती परीक्षा में कंडीडेट्स को खोजने का काम संजय कुशवाहा और कामेश्वर मौर्य को सौंपा गया था. दोनों ने कंडीडेट्स को 12 लाख रुपये में सेट किया. आधी रकम एडवांस में ली. दोनों अपने सेट किए हुए कंडीडेट्स को रीवा रिसोर्ट में ले गए. वहां पर कंडीडेट्स को पेपर रटाया गया. दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है.

जेपी राय, इंस्पेक्टर एसटीएफ

2024-09-06T19:25:10Z dg43tfdfdgfd