Cow Dung on Classroom Walls: हाल ही में एक वीडियो में डीयू के लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल को कक्षा की दीवारों को ठंडा रखने के लिए गोबर से लेपते हुए देखे गया था। इसे देखकर कई तरह की चर्चाएं तेज हुईं। प्रिंसिपल के इस कदम की आलोचना और विरोध भी हुआ। दूसरी ओर, मंगलवार को डुसू अध्यक्ष रौनक खत्री ने प्रिंसिपल के कार्यालय की दीवारों पर गोबर से पोत दिया, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में प्रिंसिपल प्रत्युष वत्सला को कक्षा की दीवारों को गोबर से लेपते हुए देखा गया। इस वीडियो को बड़े स्तर पर साझा किया गया।
प्रिंसिपल के कार्यालय के अंदर एक संकाय सदस्य से बहस करते हुए खत्री ने कहा, "इस तरह की पहल के लिए छात्रों से कोई सहमति नहीं ली गई। यदि आप शोध करना चाहते हैं, तो अपने घर पर करें।"
एक्स पर एक पोस्ट में खत्री ने प्रिंसिपल के वायरल वीडियो का संदर्भ दिया और व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि वह और उनके समर्थक उनके कार्यालय की दीवारों पर प्लास्टर करके उनकी मदद करने गए थे।
उन्होंने लिखा, "हमें पूरा विश्वास है कि मैडम अब अपने कमरे से एसी हटवाकर छात्रों को सौंप देंगी और कॉलेज को गाय के गोबर से लिपे इस आधुनिक और प्राकृतिक ठंडे वातावरण में चलाएंगी।"
अपने अब वायरल हो चुके वीडियो के बचाव में प्रिंसिपल वत्सला ने 13 अप्रैल को कहा कि यह पोर्टा केबिन में चल रहे एक शोध प्रोजेक्ट का हिस्सा था।
उन्होंने कहा, "यह प्रक्रियाधीन है। मैं एक सप्ताह के बाद पूरे शोध का विवरण साझा कर पाऊंगी," उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना पूरे संदर्भ के गलत सूचना फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, प्राकृतिक मिट्टी को छूने में कोई बुराई नहीं है।
प्रिंसिपल ने कथित तौर पर शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो साझा किया, जिसमें कहा गया कि सी ब्लॉक में कक्षाओं को ठंडा करने के लिए स्वदेशी विधि का उपयोग किया जा रहा था।
उन्होंने लिखा, "जिन लोगों की कक्षाएं यहां हैं, उन्हें जल्द ही इन कमरों का नया रूप मिलेगा। आपके शिक्षण अनुभव को सुखद बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।"
प्रशासन का कहना है कि यह विधि राजधानी में बढ़ते तापमान के बीच टिकाऊ प्रथाओं की वैज्ञानिक जांच का हिस्सा है।