LUCKNOW CRIME NEWS: 5जी फोन और बाइक न मिलने पर लखनऊ में छात्र देने जा रहा था जान, मेटा एआई ने बचाया

लखनऊ (ब्यूरो)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न सिर्फ दुनिया के काम करने का तरीका बदल रही है बल्कि यह लोगों की जान बचाने में भी अहम भूमिका निभा रही है। राजधानी लखनऊ में एक बार फिर पुलिस ने मेटा एआई की मदद से एक ऐसे छात्र की जान बचाई जो सुसाइड करने जा रहा था। दरअसल, सोमवार देर रात सरोजनीनगर इलाके में रहने वाले एक छात्र ने 1.30 बजे सोशल मीडिया पर शेयर किया था कि सुबह पांच बजे ट्रेन से उसकी मौत हो जाएगी। मेटा एआई ने पोस्ट को रीड कर इसका अलर्ट लखनऊ पुलिस को दिया और चंद मिनटों में ही पुलिस छात्र के घर पहुंच गई।

11 मिनट में संपर्क कर बचाई जान

सरोजनीनगर थाना के सब इंस्पेक्टर प्रदीप पाल ने बताया कि सोमवार सुबह 3 बजे उन्हें पुलिस ऑफिस से कॉल और अलर्ट मिला। जिसमें सरोजनीनगर के रुस्तम विहार इलाके में 12वीं के एक छात्र के सुबह पांच बजे ट्रेन से सुसाइड करने की बात कही गई। अलर्ट मिलने के 11 मिनट में ही पुलिस ने छात्र के घर की लोकेशन और मोबाइल नंबर के जरिए परिजनों से संपर्क कर उसकी जान बचा ली। पुलिस जब उसके घर पहुंची तो वह सो रहा था। पुलिस ने उसे बिना जगाए परिजनों से बात कर पूरे मामले की जानकारी दी और फिर उसे उठा कर उसकी काउसलिंग की। फिर सुबह उसकी दोबारा काउंंसलिंग की गईर्।

हाई स्पीड डेटा व बाइक न मिलने से था नाराज

पुलिस के अनुसार, परिजनों और छात्र से जब सुसाइड के संदर्भ में जानकारी की गई तो छात्र ने बताया कि वह 12वीं का स्टूडेंट हूं और उसके पास जो फोन है वह 4जी है, जिसमें नेट बहुत स्लो चलता है। 12वीं की पढ़ाई के लिए उसे 5जी फोन की जरूरत है, उसके लिए वह परिजनों से कई दिनों से कह रहा था। इसके अलावा, रविवार को उसे किसी काम से कृष्णा नगर के विजय नगर जाना था। वह भाई से बाइक मांग रहा था, लेकिन भाई ने नाबालिग होने का हवाला देते हुए उसे ऑटो से विजय नगर जाने की बात कही। इन दोनों बातों से आहत होकर वह नाराज हो गया और कई घंटे सोचने के बाद उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सुसाइड की पोस्ट डाल दी।

कैसे मददगार बन रहा मेटा

सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जब कोई सुसाइड की पोस्ट वायरल होती है, तो मेटा अपने एआई और मैनुअल सिस्टम की मदद से ऐसी पोस्ट को पहचान लेता है। यह एआई सिस्टम लिखे हुए शब्दों को पढ़कर और वीडियो को देखकर यह समझ लेता है कि क्या कोई व्यक्ति आत्महत्या के बारे में सोच रहा है या नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। जब भी कोई पोस्ट, मैसेज या वीडियो में आत्महत्या से जुड़ी भाषा या एक्शन दिखता है, तो एआई उसे चिहिन्त करता है और एक विशेष टीम को अलर्ट भेजता है। इस टीम द्वारा मैटर की जांच के बाद यदि जरूरत होती है, तो पुलिस या इमरजेंसी सर्विस को तुरंत सूचना दी जाती है। इस तरह मेटा की एआई तकनीक समय रहते किसी व्यक्ति की जान बचाने में मदद करती है।

कैसे पुलिस को सूचना देता है मेटा

-मेटा ऐसे पोस्ट को चिहिन्त करके यूजर की जानकारी जैसे नाम, प्रोफाइल, पिक्चर, मोबाइल नंबर, लोकेशन सीधे संबंधित स्थानीय पुलिस व यूपी पुलिस की सोशल मीडिया सेल को ईमेल या फोन के जरिए भेजता है।

-पुलिस को अलर्ट मिलते ही वे तुरंत कार्रवाई शुरू कर देते हैं और यूजर की लोकेशन ट्रेस करके उस तक पहुंच जाते हैं।

-न्कुछ मामलों में मेटा सिर्फ ईमेल नहीं, बल्कि फोन कॉल भी करता है ताकि पुलिस को जल्दी और सटीक जानकारी मिल सके।

-पुलिस का त्वरित एक्शन पुलिस यूजर की लोकेशन पता करके तुरंत उसके घर या आसपास पहुंच जाती है।

-अगर यूजर ने जहर या गोली खाई है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाता है या घर पर ही प्राथमिक इलाज दिया जाता है। उसकी काउंसलिंग भी की जाती है।

-पुलिस यूजर के परिजनों को भी सूचित करती है और उनकी मदद से उसे स्थिर किया जाता है।

पहले भी बचा चुके हैं कई जानें

यूपी में एक युवक ने फेसबुक पर सुसाइड पोस्ट डाला था, जिसे मेटा एआई ने पहचानकर पुलिस को अलर्ट किया। पुलिस ने उसकी लोकेशन पता करके सिर्फ 11 मिनट में उसके घर पहुंचकर उसकी जान बचाई। इसी तरह से लखनऊ में एक महिला के वीडियो को मेटा एआई ने चिहिन्त किया और पुलिस ने उसे बचा लिया।

2025-06-09T15:46:13Z